बुधवार, 28 दिसंबर 2011

काश !

काश ! 
कुछ ऐसा हुआ होता ,
तुम्हें भी किसी से प्यार हुआ होता ,
जिस तरह तुमसे मिलने को तरसता हूँ मै ,
तुम्हें भी उसी आग में जलना होता....


ना कोई दुआ रंग लाती, 
ना कोई दवा का असर होता ,
दिल चाहता की कोई जतन करूँ ,
दीवानों सी हालत होती ,
बेगानों -सा हाल होता ,
हमेशा खुद को अपने और ,
अपनों के हाथों मजबूर पाती ,
अपने पराये नज़र आते ,
दुनिया में कोई सहारा न होता ..............