काश !
कुछ ऐसा हुआ होता ,
तुम्हें भी किसी से प्यार हुआ होता ,
जिस तरह तुमसे मिलने को तरसता हूँ मै ,
तुम्हें भी उसी आग में जलना होता....
ना कोई दुआ रंग लाती,
ना कोई दवा का असर होता ,
दिल चाहता की कोई जतन करूँ ,
दीवानों सी हालत होती ,
बेगानों -सा हाल होता ,
हमेशा खुद को अपने और ,
अपनों के हाथों मजबूर पाती ,
अपने पराये नज़र आते ,
दुनिया में कोई सहारा न होता ..............
कुछ ऐसा हुआ होता ,
तुम्हें भी किसी से प्यार हुआ होता ,
जिस तरह तुमसे मिलने को तरसता हूँ मै ,
तुम्हें भी उसी आग में जलना होता....
ना कोई दुआ रंग लाती,
ना कोई दवा का असर होता ,
दिल चाहता की कोई जतन करूँ ,
दीवानों सी हालत होती ,
बेगानों -सा हाल होता ,
हमेशा खुद को अपने और ,
अपनों के हाथों मजबूर पाती ,
अपने पराये नज़र आते ,
दुनिया में कोई सहारा न होता ..............
बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।